Monday, March 30, 2009

सारी बंदिशों को तू तोड़ दे


ऐ मुसाफिर....तोड़ दे बंदिशों को।


चलते हुए मुसाफिर तू बता क्या है तेरी रज़ा

क्यों धूप छांव में चल रहा तू

क्यों अपनी मंजिल को मुश्किलों में डाल रहा है तू।

हर उन बंदिशों को तू तोड़ दे

हर उन रास्तों को तू नाप ले

जिसपर चलने की हरपल तेरी मंशा रही है।

ऐ मुसाफिर तू न सोच मेरे बारें में

जिंदगी एक खेल है जहां सोचना है तूझे अपने बारें में।

हर कदम पर हर मोड़ पर तू अपने आपको बचा

सामने वालों को अपनी कमजोरियों को न तू बता।

सच झूठ के इस दलदल में कभी न धंसना।

उस अन्त के शुरूआत के बारें में तू सोच

जिस शुरूआत के अन्त पर तू खड़ा है।

---------रजनीश कुमार

Friday, March 20, 2009

वो फिर मुझसे बातें की


पुरानी पहचान.....या.......कुछ और.....?

हर रात की तन्हाईयों में जीने वाली
आज वो मुझसे हंस कर बातें की।

फैशन में लिपटी वो छरहरी काया
तिरछी नज़रों से निगाहें भी मिलाई।

वर्षों बाद प्यार भरी बातें सुनकर ऐसा लगा
मानो सारे जहां की खुशियां बिखेर दी उसने।

हाथों की लकीरों में देखा था कभी मैने उसे
एक समय वो रूठ कर गई थी मुझसे।

लेकिन आज मै मना लाया उसे।
कब तक चलेगा ये सिलसिला

य़े देखना है मुझे और उसे।

----रजनीश कुमार

Wednesday, March 18, 2009

अपना एहसास


बस एक नज़्म.......!


एक नज़्म कहना है चाहता हूं मैं आपसे
अपने प्यार का पहला पन्ना सुनाना चाहता हूं आपसे।
दिल की बेरूखी तुम मुझे यूं न दिखाओ
अपने पहलू में बिठाकर अश्कों में देखना चाहता हूं आपको।

मिलनसागर की गीतों के सहारें जो पल गुजारा है मैंने
वो गीतों की मालाएं भेंट करना चाहता हूं आपको।
अपने दामन को बेदाग रखा जमाने से बचा के
उसी दामन की छांव में आसरा चाहता हूं मैं आपसे।

अपने निग़ाहों से तुम मुझे दूर न करना
वरना वो नज़्म भूल जाऊंगा
जो सुनाना चाहता था मैं आपसे।
-----रजनीश कुमार

Tuesday, March 17, 2009

नेता से रिश्ता


नेता से रिश्ता....



हर मोड़ से बड़ा है रास्ता
हर रास्तों से बड़ा है रिश्ता।
हर किसी का नहीं है इससे वास्ता।
राजनीति में नहीं होता कोई रिश्ता
मां बीजेपी में तो बेटा का होता कांग्रेस से नाता
हर घड़ी हर क्षण पलटवार के फिराक में रहता है
तभी तो लोग कहते है तू है सबसे बड़ा नेता।
चुनाव आते ही अभिनेता भी बन जाता है नेता
मंच पर चढ़कर पार्टी के सुर में सुर मिलाता है
मौका आने पर गिरगिट की तरह रंग भी बदल लेता है नेता।
हर पार्टी से जिसका है नाता
वो है हमारी देश की बेचारी जनता


--------रजनीश कुमार